Wright Brothers- दुनिया का पहला सफल हवाई जहाज उड़ान Wright Brothers Biography Wright Brothers- दुनिया का पहला सफल हवाई जहाज उड़ान Wright Brothers Biography
Wright Brothers
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wright brothers photos |
Wright Brothers Name - राइट ब्रदर्स, ऑरविल (Orville Wright) और विल्बर (Wilbur wright), दो अमेरिकी विमानन पायनियर थे, जिन्हें आम तौर पर दुनिया के पहले सफल हवाई जहाज का आविष्कार, निर्माण और उड़ान भरने का श्रेय दिया जाता था।
- [Message]
- Wright Brothers Name: ऑरविल (Orville Wright) और विल्बर (Wilbur wright)
- होम टाउन: डेटन, ओहियो
- रिश्तेदार: कैथरीन राइट (बहन)
- के लिए जाना जाता है: आविष्कार, निर्माण, और दुनिया का पहला सफल हवाई जहाज, राइट फ्लायर
- पुरस्कार: कोलियर ट्रॉफी
राईट बंधु की कहानी - Wright Brothers
अमेरिका निवासी विल्बर राईट (Wilbur wright) और ओरविल राईट (Orville Wright) दोनों ही सगे भाई थे।
(Wilbur wright) विल्बर का जन्म 16 अप्रैल 1867 को इंडियाना में जबकि ओरविल राईट का जन्म डेटन ओहियो में 19 अगस्त 1871 में हुआ था।
उनके पिता मिल्टन राईट चर्च में काम करते थे जो 1878 में पादरी भी बने। उनकी माँ भी चर्च संबधी कामों में पिता का हाथ बंटाया करती थी। बचपन से राईट बंधुओं की रूचि कुछ ऐसे मशीन संबंधी कामों में लगी रहती थी, जो ऊँचाई तक जा सके।
एक बार उपहार में उन्हें खिलौने के रूप में हेलीकाप्टर मिला था। बस फिर क्या था दोनों भाइयों (Wright Brothers) ने इस तरह हेलीकाप्टर बना डाले जो कार्क, बांस और कागज के द्वारा बने थे।
(Wilbur wright) विल्बर का जन्म 16 अप्रैल 1867 को इंडियाना में जबकि ओरविल राईट का जन्म डेटन ओहियो में 19 अगस्त 1871 में हुआ था।
उनके पिता मिल्टन राईट चर्च में काम करते थे जो 1878 में पादरी भी बने। उनकी माँ भी चर्च संबधी कामों में पिता का हाथ बंटाया करती थी। बचपन से राईट बंधुओं की रूचि कुछ ऐसे मशीन संबंधी कामों में लगी रहती थी, जो ऊँचाई तक जा सके।
एक बार उपहार में उन्हें खिलौने के रूप में हेलीकाप्टर मिला था। बस फिर क्या था दोनों भाइयों (Wright Brothers) ने इस तरह हेलीकाप्टर बना डाले जो कार्क, बांस और कागज के द्वारा बने थे।
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Wright Brothers |
(Wright Brothers) दोनों भाई स्वभाव से एक-दुसरे के विपरीत थे। विल्बर एकांतप्रिय, मितभाषी थे तो ओरविल बातूनी सामाजिक थे। ओरविल को पैसा कमाने का काफी शौक था।
उन्होंने तो गर्मी की छुट्टियों में छापेखाने में काम करते हुए न केवल हाई स्कूल परीक्षा पूरी की बल्कि टाइपसेटर बनने के साथ-साथ समाचार पत्र का भी प्रकाशन किया।
विल्बर माँ की बीमारी की वजह से हाई स्कूल की पढ़ाई पुरी नही कर पाए थे। उनके पिता उन्हें चर्च संबंधी कामों में लगाना चाहते थे जबकि दोनों भाइयों की रूचि उसमें नही थी।
उन्होंने तो गर्मी की छुट्टियों में छापेखाने में काम करते हुए न केवल हाई स्कूल परीक्षा पूरी की बल्कि टाइपसेटर बनने के साथ-साथ समाचार पत्र का भी प्रकाशन किया।
विल्बर माँ की बीमारी की वजह से हाई स्कूल की पढ़ाई पुरी नही कर पाए थे। उनके पिता उन्हें चर्च संबंधी कामों में लगाना चाहते थे जबकि दोनों भाइयों की रूचि उसमें नही थी।
चर्च जाना छोडकर दोनों साथ रहते ,साथ खेलते और एक जैसा सोचते तथा कार्य में लगे रहते थे। माँ की मृत्यु के बाद दोनों ने छापाखाना खोलकर साहित्य संबधी प्रकाशन आरम्भ कर दिया।
साथ ही साइकिल बेचने ,किराए देने, मरम्मत करने की दुकाने खोल रखी थी। उन्हें न तो किसी प्रकार का व्यसन था और न ही लडकियों के साथ घुमने का शौक था।
इसी बीच उन्हें ज्ञात हुआ कि 9 अगस्त 1896 को जर्मनी के ओटो लिलिन्थाल नामक यांत्रिक इंजिनियर द्वारा बनाये गये Hang Glider के माध्यम से आकाशीय उड़ान में उनकी मृत्यु हो गयी।
साथ ही साइकिल बेचने ,किराए देने, मरम्मत करने की दुकाने खोल रखी थी। उन्हें न तो किसी प्रकार का व्यसन था और न ही लडकियों के साथ घुमने का शौक था।
इसी बीच उन्हें ज्ञात हुआ कि 9 अगस्त 1896 को जर्मनी के ओटो लिलिन्थाल नामक यांत्रिक इंजिनियर द्वारा बनाये गये Hang Glider के माध्यम से आकाशीय उड़ान में उनकी मृत्यु हो गयी।
बस फिर क्या था ,राईट बंधुओ (Wright Brothers) ने एक ऐसा हवाई जहाज बनाने का प्रयास शुरू कर दिया जो कि हवा से भारी हो। उसमें इंजन प्रोपेलर लगे हो। वह आदमी सहित आकाश में उड़ सके।
उन्होंने पहले ग्लाइडर बनाया और उसका परीक्षण करने के लिए पहाडी स्थान पर चल दिए जो 12 सैंकड़ तक हवा में रहने के बाद पृथ्वी पर आ गिरा।
सन 1900 में उन्होंने दो तख्ते वाला वायुयान बनाया, जिसको शक्ति देने वाला पेट्रोल इंजन भी लगाया था। एक भाई निचले हिस्से में बैठकर नियन्त्रण का प्रयास करता था। उड़ान भरते समय उन्हें पता लगा कि पंखो का आकार ठीक नही।
उन्होंने पहले ग्लाइडर बनाया और उसका परीक्षण करने के लिए पहाडी स्थान पर चल दिए जो 12 सैंकड़ तक हवा में रहने के बाद पृथ्वी पर आ गिरा।
सन 1900 में उन्होंने दो तख्ते वाला वायुयान बनाया, जिसको शक्ति देने वाला पेट्रोल इंजन भी लगाया था। एक भाई निचले हिस्से में बैठकर नियन्त्रण का प्रयास करता था। उड़ान भरते समय उन्हें पता लगा कि पंखो का आकार ठीक नही।
Wright brothers Inventions
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Wright brothers plane |
उन्हें विंडटनेल का सिद्धांत भी समझ में आ गया था। अनेक असफलताओ के बाद Wright Brothers ने फ्लायर जहाज बनाया, जिसके पंखो का आकार 400 वर्गफ़ीट था और उसके संतुलन के लिए मशीन बना रखी थी। 8 दिसम्बर 1903 को पहली उड़ान भरी जो कि असफल रही।
फिर इसमें आवश्यक संशोधन कर जब इसे उड़ाया तो यह अपनी ताकत से 10 फीट उपर उठा और 12 सैकंड बाद नीचे आ गया। जहाज से उड़ने और उतरने के बीच 100 फीट की कुल उड़ान नापी गयी। इस एतेहासिक उड़ान को देखने के लिए बुलाने पर भी सिर्फ 5 वयस्क , दो बच्चे और एक कुत्ता था। पत्रकार आ रहे थे कि रास्ता भटक गये।
फिर इसमें आवश्यक संशोधन कर जब इसे उड़ाया तो यह अपनी ताकत से 10 फीट उपर उठा और 12 सैकंड बाद नीचे आ गया। जहाज से उड़ने और उतरने के बीच 100 फीट की कुल उड़ान नापी गयी। इस एतेहासिक उड़ान को देखने के लिए बुलाने पर भी सिर्फ 5 वयस्क , दो बच्चे और एक कुत्ता था। पत्रकार आ रहे थे कि रास्ता भटक गये।
इसके बाद फ्लायर जहाज ने 4 बार सफल उड़ान भरी लेकिन हवा के झोंके ने आकर ऐसा उलटा कि किसी काम का नही रहा। 1904 में एक ऐसा हवाई जहाज बनाया जो न केवल मुड़ सकता था बल्कि वह 3 मील यात्रा भी तय कर चूका था। इसके बाद वह 85 किमी दूरी तक भी चला था। 1908 में परीक्षण के दौरान दुर्घटना का सामना करते हुए उन्होंने परीक्षण जारी रखा।
1909 तक हवाई जहाज की फैक्ट्रियां अमेरिका में स्थापित कर ली। उनके इस नवनिर्मित वायुयान इ इंग्लिश चैनल, अटलांटिक महासागर, प्रशांत महासागर के साथ साथ लगभग 23 हजार किमी की यात्रा तय की। बायर्ड ने तो उत्तरी और दक्षिण ध्रुव की यात्राएं वायुयान द्वारा ही तय करके क्षमता का परिचय दे दिया।
वायुयान की खोज के बाद एक नये युग की शुरुआत हो चुकी थी। विश्व में एक क्रान्ति आ चुकी थी। राईट बन्धु घर गृहस्थी में सुखपूर्वक जीवन व्यतीत कर रहे थे कि छोटा भाई विल्बर टाइफाइड का शिकार हो गया।
29 मई 1912 को उसका असमय प्राणांत हो गया। बूढ़े पिता मिल्टन राइट ने विल्बर की अंतिम क्रिया करते हुए उसकी विलक्षण प्रतिभा, परिश्रमशीलता पर गर्व करते हुए बड़ा दुःख जताया। इसे बीच ओरविले अकेले रहकर
अपनी प्रयोगशाला में हवाई जहाज में लगातार सुधार कार्य करते रहे।
29 मई 1912 को उसका असमय प्राणांत हो गया। बूढ़े पिता मिल्टन राइट ने विल्बर की अंतिम क्रिया करते हुए उसकी विलक्षण प्रतिभा, परिश्रमशीलता पर गर्व करते हुए बड़ा दुःख जताया। इसे बीच ओरविले अकेले रहकर
अपनी प्रयोगशाला में हवाई जहाज में लगातार सुधार कार्य करते रहे।
विल्बर के देहांत के बाद वो भी भीतर से टूट चुके थे।
(Orville Wright) ओरविल जहां हवाई जहाज के आविष्कार से जितने प्रस्सन थे उतने ही वह दुखी हो गये जब प्रथम विश्वयुद्ध में हवाई जहाज़ों ने विनाशकारी बम ले जाकर मानव के विरुद्ध ही उसका इस्तेमाल होने लगा था।
अंतिम समय तक कार्य करते हुए ओरविल को प्रयोगशाला में दिल का ऐसा दौरा पड़ा कि 30 जनवरी 1948 को उनके प्राण पखेरू उड़ गये। उनकी शवयात्रा पुरे सैनिक सम्मान के साथ 4 जेट विमानों की गड़गड़ाहट के साथ निकाली गयी।
उनके द्वारा बनाये गये पहले फ्लायर जहाज को अमेरिका के स्मिथ सोनियन संग्रहालय में आज भी देखा जा सकता है।
अंतिम समय तक कार्य करते हुए ओरविल को प्रयोगशाला में दिल का ऐसा दौरा पड़ा कि 30 जनवरी 1948 को उनके प्राण पखेरू उड़ गये। उनकी शवयात्रा पुरे सैनिक सम्मान के साथ 4 जेट विमानों की गड़गड़ाहट के साथ निकाली गयी।
उनके द्वारा बनाये गये पहले फ्लायर जहाज को अमेरिका के स्मिथ सोनियन संग्रहालय में आज भी देखा जा सकता है।
राईट बंधुओ (Wright Brothers) द्वारा वायुयान के अभूतपूर्व आविष्कार ने आज जहां दुनिया की मीलो दूरी जो चंद मिनटों और सैकंडो में तय कर दिया है वही सुख सुविधा प्रदान करने वाले अत्याधुनिक वायुयानों ने मानव के आकाश में उड़ने की लालसा को भी पूरा कर दिखाया है लेकिन सर्वाधिक दुखद पहलू यह है
कि मानव ने अत्यंत तेज गति वाले युद्धक विमानों को बनाकर अपने ही अस्तित्व के लिए खतरा उत्पन्न कर दिया है। जो भी हो इन अमेरिकी भाइयों (Wright Brothers) की कल्पनाशीलता एवं परिश्रम ने दुनिया को महान देन दी है।
कि मानव ने अत्यंत तेज गति वाले युद्धक विमानों को बनाकर अपने ही अस्तित्व के लिए खतरा उत्पन्न कर दिया है। जो भी हो इन अमेरिकी भाइयों (Wright Brothers) की कल्पनाशीलता एवं परिश्रम ने दुनिया को महान देन दी है।
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